लेखक : विंध्यांचल सचान
कुछ दिनों पहले कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को प्रवर्तन निदेशालय ने समन जारी किया था । प्रवर्तन निदेशालय ने मनीलॉन्डरिंग निवारण कानून की आपराधिक धाराओं के तहत उनके बयान दर्ज किए ।यह जांच नेशनल हेराल्ड नामक ‘अखबार के ज़रिए हुई वित्तीय अनियमितताओं’ से जुड़ी है।यह मामला सबके सामने आया सन् 2012 में, जब भारतीय जनता पार्टी के नेता और वकील सुब्रमयणम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष एक शिकायत दर्ज करते हुये कांग्रेस नेताओ पर धोखाधड़ी और विश्वासघात के आरोप लगाये थे।
नेशनल हेराल्ड की कहानी क्या है ?
नेशनल हेराल्ड एक अखबार है जिसकी स्थापना सन् 1938 मे जवाहरलाल नेहरू ने दूसरे क्रांतिकारियों के साथ मिलकर की थी। नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) नाम की कंपनी करती थी। इस कंपनी को बनाने में 5000 क्रांतिकारियों की भूमिका थी और वह उसके शेयर धारक भी थे। यह कंपनी ऊर्दू में कौमी आवाज और हिंदी मे नवजीवन नामक दो दैनिक समाचार पत्रो का भी प्रकाशन करती थी ।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की आवाज बनने वाला यह अखबार अंग्रेजों के लिये सिरदर्द बन गया|
सन् 1941 में अंग्रेजों ने इस समाचार पत्र को प्रतिबंधित कर दिया था। सन् 1945 मे यह अखबार फिर से शुरू हुआ । आजादी के बाद नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने और इसी के साथ उन्होंने अखबार में बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया | फिर भी यह अखबार प्रकाशित होता रहा । यह अखबार एक समय कांग्रेस का मुखपत्र था ।सन् 2008 में पाठको की संख्या गिरने के कारण इसे बंद करना पड़ा । उस समय इस अखबार पर 90 करोड़ रुपए का क़र्ज़ था। इन 90 करोड़ की भरपाई के लिए एक तरकीब अपनाई गयी ,जिसकी वजह से ही आज इस मामले पर इतनी चर्चा हो रही है ।
क्या थी वह तरकीब?
कांग्रेस ने यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड नामक एक कंपनी बनाई । इसके डायरेक्टर खुद राहुल गांधी थे और इसके 38-38 फीसदी शेयर राहुल गांधी और उनकी माँ सोनिया गांधी के थे। बाकी के 24 फीसदी शेयर मोतीलाल वोरा, सैम पित्रोदा, पत्रकार सुमन दुबे और ऑस्कर फर्नांडीज़ के नाम पर थे। फिर कांग्रेस पार्टी ने उसी यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड को 90 करोड का लोन दिया और फिर यंग इंडिया लिमिटेड ने उन पैसो से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) का 90 करोड़ का लोन चुकाकर उसकी सारी संपत्ति अपने नाम कर ली।
सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप
आम जनता के प्रकाश मे यह मामला तब आया जब सन् 2012 मे बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने निचली अदालत में एक शिकायत दर्ज करवाई । उनका आरोप था कि ‘इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक कोई भी राजनीतिक पार्टी किसी भी थर्ड पार्टी के साथ लेन देन नहीं कर सकती और इतना ही नहीं कांग्रेस ने उन 90 करोड रुपये को अपनी पार्टी की एकांउट बुक में हेर-फेर करके 50 लाख रुपये दिखाया। ‘
स्वामी के आरोपों के मुताबिक यंग इंडिया ने जब एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को ख़रीदा तब उसकी सारी संपत्ति उसके अंडर आ गई। इसमे दिल्ली, मुंबई, लखनऊ समेत और कई शहरों के आफिस और इसके अलावा भी कई सम्पत्तियां थी। यह संपत्तिया कुल 2000 करोड़ की थी अर्थात कांग्रेस पार्टी ने मात्र 90 करोड रूपये खर्च करके 2000 करोड की संपत्ति अपने नाम कर ली थी’ ।
सत्ता परिवर्तन के बाद जांच
सन् 2014 में केंद्र में सत्ता परिवर्तन के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस केस की जांच शुरू की। 26 जून 2014 को अदालत ने सोनिया और राहुल गांधी को आरोपी के रूप में अदालत में समन किया। दिसंबर को सोनिया और राहुल गाँधी इस मामले में पटियाला कोर्ट में पेश हुये और अदालत द्वारा उन्हें जमानत मिल गई। 2016 में भी इस केस में सुनवाई चलती रही। अक्टूबर 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट में AJL को बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस को खाली करने का आदेश दिया। इस आदेश मे कहा गया था कि इस बिल्डिंग का इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्य के लिये किया जा रहा है। फरवरी 2019 मे गांधी परिवार इस फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा और 5 अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के इस आदेश पर रोक लगा दी । फिर हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले मे यंग इंडिया लिमिटेड के डायरेक्टर राहुल गांधी और सोनिया गांधी को हाजिर होने का नोटिस भेजा |
कांग्रेस और बीजेपी के आरोप
कांग्रेस का इस मामले पर कहना है कि जब हेराल्ड का प्रकाशन करने वाले एजेएल को वित्तीय समस्या का सामना करना पड़ा, तो कांग्रेस ने अपनी ऐतिहासिक विरासत की खातिर एजेएल (AJL) को बचा लिया था । पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि नेशनल हेराल्ड को निशाना बनाकर बीजेपी भारत के स्वतंत्रता सैनानियों और स्वतंत्रता संग्राम मे उनके योगदान का अनादर और अपमान कर रही है । वही बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि कांग्रेस नेशनल हेराल्ड पर ड्रामा कर रही है। हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने राहुल गाँधी को पांचवी बार पूछताछ के लिए बुलाया है ।
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